Monday, November 19, 2018

स्वर्गीय जमुना निषाद के आठवीं पुण्यतिथि पर विशेष

स्व0 जमुना निषाद का जीवन रहा है संघर्षशील

गणेश चन्द पाण्डेय
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तस्वीरों में : बाएं स्व0 जमुना निषाद,
घटना स्थल 
स्व. जमुना निषाद का जन्म सन 1953 में गोरखपुर के ग्रामसभा खुटहन खास में 1953 में हुआ था । मध्यम परिवार में जन्में स्व0 निषाद का जीवन बड़ा ही संघर्षमय रहा । निषाद बिरादरी व गरीबों के उत्थान के लिए वो आखरी सांस तक लड़ते रहे । स्व0 जमुना निषाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में पिपराईच निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वह निषाद समुदाय के रूप में शामिल हैं । जमुना निषाद मायावती सरकार में मत्स्य मंत्री बने, लेकिन एक पुलिसकर्मी की हत्या के आरोपों पर नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा । 

स्व0 जमुना निषाद
जमुना निषाद ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में निषाद समुदाय और मुसलमानों का भी राजनीतिक समर्थन प्राप्त किया था । लगभग पंद्रह चुनावों में चुनाव लड़ने के बावजूद उन्हें केवल दो बार ही जीत का स्वाद चखने को मिला था । पहली बार ग्राम प्रधान के रूप में और फिर 2007 में राज्य विधान सभा में जीत हासिल की । ​​उन्होंने पहली बार 1985 में स्वतंत्र रूप से विधानसभा चुनावों में चुनाव लड़ा और फिर 1989 और 1991 में लेकिन तीनों मौकों पर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा । इसके बाद उन्हें समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा मैदान में उतारा गया, और 1998 और 2004 में पूर्व सांसद योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध लोकसभा चुनाव लड़े, जिसमें फिर हार का मुंह देखना पड़ा ।

अपनी माता राजमती निषाद, पत्नी व
बच्चे केे साथ अमरेंद्र
वंही स्व0 जमुना निषाद 1996 में कई पार्टियों के साथ संबंधों को बदला लेकिन पिपराईच विधानसभा का चुनाव फिर से हार गए । 2002 में उन्हें अपना विधानसभा क्षेत्र बदलकर पनीयार से सपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ाया गया लेकिन फिर हार गए । अंततः उत्तर प्रदेश चुनाव 2007 में ग्राम प्रधान के रूप में जीता और राजनीतिज्ञ और शराब-व्यापारी जितेंद्र जैसवाल ऊर्फ पप्पू भैया को लगभग 6,000 वोटों की मार्जिन से हरा कर पिपराईच निर्वाचन क्षेत्र से जीत गए और बसपा नेता मायावती ने उन्हें मत्स्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया।

पत्नी रीता व बच्चे के सात अमरेंद्र निषाद
8 जून 2008 की रात जमुना निषाद ने गोरखपुर के पास महाराजगंज जिले के कोटवाली पुलिस थाने में एक दलित लड़की पर बलात्कार के अपराधियों के खिलाफ सजा दिलाने के राजनैतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें ही जेल भेज दिया गया। जिसके चलते उनको मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल जाना पड़ा । वंही जमानत मिलने के बाद घर आते वक्त लखनऊ के सफदरगंज हाइवे पर सड़क दुर्घटना में 19 नवम्बर 2010 को मृत्यु हो गयी । बतादें की इनकी सड़क दुर्घटना को भी षड्यंत्र माना जाता है । वंही स्व0 जमुना निषाद की धर्मपत्नी राजमती निषाद पूर्व विधायक पिपराइच और एकलौते सुपुत्र अमरेंद्र निषाद पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए राजनीतिक जीवन को अपना लिया है । तो वंही उनकी पत्नी रीता निषाद कदम से कदम मिला करके साथ दे रही हैं ।

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